सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सिजन आपूर्ति की कमी को दूर कर लिया जाना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि ऑक्सिजन आपूर्ति की जिम्मेदारी एक-दूसरे के ऊपर डालने की जंग में नागरिकों के जीवन को जोखिम में नहीं डाला जा सकता है।
देश में कोरोना से बेकाबू हो रहे हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से लॉकडाउन लगाने पर विचार करने के लिए कहा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि लॉकडाउन से जिस पर खासा असर पड़े उनके लिए इंतजाम किए जाएं। ऑक्सिजन की कमी को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट की ओर से कई निर्देश दिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से लॉकडाउन लगाने से पहले यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि इसका सामाजिक और आर्थिक प्रभाव कम से कम पड़े इसका खास ध्यान रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आपातकालीन प्रयोगों के लिए राज्यों के साथ मिलकर ऑक्सिजन का एक सुरक्षित भंडार रखने और भंडार स्थानों के विकेंद्रीकरण का निर्देश दिया है ताकि सामान्य आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने की स्थिति में ये प्रयोग के लिए तत्काल उपलब्ध हों।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति रविंद्र भट की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि अगले चार दिनों में आपातकालीन भंडार तैयार कर लिए जाने चाहिए और इन्हें हर दिन भरा जाना चाहिए। यह राज्यों को चिकित्सीय ऑक्सीजन आपूर्ति के मौजूदा आवंटन के साथ-साथ चलना चाहिए।